12.बुन्देलखण्ड का विन्ध्याचल पर्वत |
सत्येन्द्र कुमार प्रजापति |
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤–ों में परà¥à¤µà¤¤ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚े से संबंधित अनेक विवरण पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। किसी à¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने से पहले इस विषय की जानकारी होना आवशà¥à¤¯à¤• हो जाता है कि उसकी à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कà¥à¤¯à¤¾ है ? à¤à¤¸.à¤à¤®. अली1 ने परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤‚े को अनेक à¤à¤¾à¤—ो में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ किया है मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤ªà¤°à¥à¤µà¤¤, विकà¥à¤·à¤®à¥à¤¬à¤ªà¤°à¥à¤µà¤¤, कà¥à¤²à¤ªà¤°à¥à¤µà¤¤ तथा वरà¥à¤· परà¥à¤µà¤¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में हिमवतॠको छोड़कर सात कà¥à¤² परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤‚े के विषय में जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। ’महेनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹ मलयः सा शà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ ऋकà¥à¤· परà¥à¤µà¤¤à¤ƒ विनघà¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥à¤š पारियातà¥à¤°à¤¶à¥à¤š सपà¥à¤¤à¥ˆà¤µà¤¤à¤¿ कà¥à¤²à¤¾à¤šà¤²à¤ƒâ€™2 कà¥à¤² का अरà¥à¤¥ होता है परिवार, नसà¥à¤², राषà¥à¤Ÿà¥à¤° तथा जाति। महेनà¥à¤¦à¥à¤° को कलिंग3 से , मलय4 को पाणà¥à¥œà¤¯ से, सहृा5 को अपरानà¥à¤¤à¤• से, शà¥à¤•à¥à¤¤à¤®à¤¤6 को à¤à¤²à¥à¤²à¤¾à¤Ÿ से, ऋकà¥à¤·7 को महिषà¥à¤®à¤¤à¥€ से, विनà¥à¤§à¥à¤¯8 को आटà¥à¤Ÿ (मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की वनà¥à¤¯ जातियों) से तथा परियातà¥à¤° को निषादों से संबंधित किया जा सकता है। |